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नए साल से पहले टैक्सपेयर्स को मिलेगा एक और मौका! आयकर विभाग ने एक महीने के लिए बढ़ाई इस योजना की डेडलाइन

इस योजना के तहत, जिन करदाताओं के मामले में 22 जुलाई 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण या आयुक्त स्तर पर विवाद लंबित हैं वे योजना का लाभ उठा सकते हैं।

भारत सरकार ने प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना (Vivad Se Vishwas Scheme 2024) को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए संशोधन किए हैं। अब करदाताओं को विवादों के समाधान और जुर्माने में छूट प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। (Dispute Resolution) और (Tax Settlement) जैसे सुधारात्मक कदम इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने में सहायक हो सकते हैं।

विवाद से विश्वास योजना (2024) के नए प्रावधान
इस योजना के तहत, जिन करदाताओं के मामले में 22 जुलाई 2024 तक सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण या आयुक्त स्तर पर विवाद लंबित हैं वे योजना का लाभ उठा सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपने नवीनतम परिपत्र में घोषणा की है कि योजना के तहत कर बकाया और ब्याज जुर्माने में छूट के लिए जानकारी दाखिल करने की अंतिम तिथि अब 31 जनवरी 2025 कर दी गई है।

समयसीमा में विस्तार
पहले योजना के तहत करदाताओं को 31 दिसंबर, 2024 तक विवादित कर राशि का 100 प्रतिशत भुगतान करना होता था। अब यह समयसीमा बढ़ाकर 31 जनवरी, 2025 कर दी गई है। हालांकि यदि करदाता 1 फरवरी, 2025 या उसके बाद घोषणा करते हैं तो उन्हें विवादित कर राशि का 110 प्रतिशत भुगतान करना होगा। यह कदम करदाताओं को विवाद समाधान के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

योजना का लाभ कैसे प्राप्त करें?
जो करदाता विवादित कर मामलों में फंसे हुए हैं वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना उन मामलों पर भी लागू होती है जिनमें रिट या विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) दायर की गई हो चाहे वे करदाता या कर अधिकारियों द्वारा की गई हों। इसके अलावा ब्याज और जुर्माने में छूट उन करदाताओं को दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2024 तक घोषणा दाखिल करेंगे।

विवादित कर मांग का आकलन
इस योजना के तहत करदाताओं को विवादित कर मांग का आकलन करने की सुविधा दी गई है। आयकर विभाग ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन जानकारी दाखिल करने का विकल्प प्रदान किया है। यह पहल करदाताओं को लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाने में मदद करेगी।

सरकार का उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के अनुसार यह कदम करदाताओं को राहत देने और कर विवादों को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। लगभग 35 लाख करोड़ रुपये की कर मांग विभिन्न कानूनी मंचों पर लंबित है। यह योजना लंबित विवादों को हल करने और सरकारी राजस्व को बढ़ाने में सहायक साबित हो सकती है।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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